स्वराज अभियान क्या है?
हम …
स्वराज अभियान शुभ को सच में बदलने की एक साझी कोशिश है। यह एक सुन्दर देश और दुनिया के सपने को हमारी और आने वाली पीढ़ियों के लिए साकार करने का आंदोलन है। यह एक सिलसिला है जो बाहर की दुनिया को बदलने के साथ-साथ खुद अपने भीतर बदलाव के लिए भी तैयार है। यह राजनीति को युगधर्म मानकर स्वराज की ओर चला एक काफिला है।
हमारा सपना
हमारे सफर की मंजिल है स्वराज। आज़ादी से पहले स्वराज का मतलब था अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति। आज इसका मतलब है जीवन के हर पहलू में हर किस्म की पराधीनता से मुक्ति — भ्रष्टाचार के दानव से मुक्ति, भय और भूख की बेड़ियों से मुक्ति, शोषण और अन्याय के सामने बेबसी से मुक्ति, खुद अपने दिल और दिमाग के बंधनो से मुक्ति। हम ऐसे देश और ऐसी दुनिया का सपना देखते हैं जहां हर इंसान अपनी खुदी को बुलंद कर सके, अपनी खुशी ढूंढ सके, अपनी आत्मा की आवाज़ को सुन और सुना सके। हम चाहते हैं एक ऐसी:
- राजनैतिक व्यवस्था,
जहाँ देश और देश का हर राज्य, हर गांव, हर बस्ती अपने-अपने दायरे में आजाद हों, हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही हो, जहाँ तंत्र पर लोक का अनुशासन हो।
- अर्थव्यवस्था,
जहाँ हर हाथ को काम हो, हर काम का मान हो, हर काम को इतना दाम हो कि हर कोई अपनी मेहनत की कमाई से खुशहाल जिंदगी जी सके। मुनाफ़े की मर्यादा हो ताकि किसी का भोग बाकी सबकी खुशी न छीने, हमारा विकास आने वाली पीढ़ियों के वाजिब हिस्से और पर्यावरण को नुकसान पंहुचा कर न हो।
- सामजिक व्यवस्था,
जहाँ राज्य, समुदायों और इंसानों के बीच या आपस में किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न हो, शोषण, भेदभाव, और नफरत न हो, जहाँ जीवन के अवसर जन्म के संयोग से न बंधे हों।
- शिक्षाव्यवस्था,
जो सबको, समान रूप से सार्थक ज्ञान और चेतना दे, इंसान को इंसान से जोड़े, सबको देश और दुनिया की सांस्कृतिक विरासत से जोड़े, प्रश्न करने का साहस दे, उत्तर देने की क्षमता दे।
- विश्व व्यवस्था,
जहाँ देश और दुनिया के बीच, आदमी और औरत के बीच, अलग-अलग जाति, धर्म और संस्कृति के इंसान और इंसान के बीच तथा इंसान और प्रकृति के बीच समभाव हो।
हमारी प्रेरणा
हम देश को कुटुंब और दुनिया दोनों छोर से जोड़ने वाले स्वाधीनता आंदोलन की जमीन पर खड़े हैं। हम भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बीज से पनपे हैं। आजादी के बाद जल, जंगल और जमीन के जनांदोलनों ने हमें सींचा है। भारत के संविधान का दर्शन हमारा प्रकाश पुंज है। लेकिन हम अपनी विरासत की किसी एक धारा, किसे एक वाद’, किसी महापुरुष या किताब से बंधे नहीं है। अपनी विरासत से सीखते हुए, नए अनुभवों से गुजरते हुए अपने देशकाल के
प्रश्नों के लिए हमें अपने उत्तर ढूंढने होंगे, नए विचार गढ़ने होंगे।
हमारा मार्ग
इस सपने को ओर बढ़ने के लिए राजनीति के मार्ग पर चलना जरूरी है। हमारे लिए राजनीति कैरियर या धंधा नहीं बल्कि युगधर्म है। हमारे लिए राजनीति का मतलब सिर्फ चुनाव लड़ना और सरकार बनाना नहीं है। हमारी वैकल्पिक राजनीति में जनांदोलन और संघर्ष जरूरी होगा, सृजन और निर्माण की जगह होगी, विचार और नीतियां गढ़ने का काम होगा तथा दुनियावी बदलाव के साथ हमारे अंतर्मन की सफाई और चरित्र निर्माण की भी अहमियत होगी। चुनाव और सत्ता पलट की राजनीति इन सब आयामों के साथ जुड़कर ही सार्थक हो सकती है, नहीं तो वो फिसलकर बेलगाम सत्तालोलुपता का शिकार हो जाती है। इसलिए वैकल्पिक राजनीति की जमीन को तलाशना और तैयार करना आज हमारा पहला काम है।
हमारी मर्यादा
इस सफर में हम फिसलन से बचें और हमारा हर कदम हमारे सपने की ओर बढ़े इस लिए सबसे पहले हम अपनी कथनी और करनी में एकरूपता लाएंगे। इसलिए स्वराज अभियान:
- अपने फैसलेलोकतान्त्रिक तरीके से लेगा, हर सहयोगी की बात सुनेगा, असहमति का सम्मान करेगा, व्यक्ति पूजा से परहेज करेगा, सामूहिक नेतृत्व को बढ़ावा देगा;
- सार्वजनिक जीवन में सदाचार के मर्यादा सूत्र बनाएगाऔर अभियान के नेतृत्व और सदस्यों पर उन्हें लागू करने की जिम्मेवारी एक भरोसेमंद और स्वतंत्र लोकपाल को सौंपेगा।
- संघात्मक भावना का सम्मान करेगा,जहाँ तक हो सके फैसले केन्द्रीयकृत तरीके से नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर लेगा,
- अपने काम-काज में पारदर्शिता बरतेगा,सूचना के अधिकार का पालन करेगा, अपनी आय-व्यय को सार्वजनिक करेगा;
- बड़बोलेपन से परहेज करेगा, जनता के सामने सच रखेगा;
- विविधता का सम्मान करेगा और ईमानदारी से कोशिश करेगा कि सत्ता के हाशिये पर रहे समूहों (औरत, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक आदि) कोअभियान के नेतृत्व में समुचित जगह मिले;
- अन्य सहमना आंदोलनों और संगठनो से ईमानदार सहकार का रिश्ता बनाएगा
हमारे कदम
इस मार्ग पर अपनी मंजिल की ओर बढ़ने के लिए हम कई कदमों से शुरुआत करेंगे:
- खेती-किसानी के संकट और जल-जंगल-जमीन की लूट पर एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करेंगे जिसमे आदिवासी और गैर-आदिवासी भूस्वामी, काश्तकार, बटाईदार और खेतिहर मजदूर के साथ-साथ मछुआरों और दूध-उत्पादकों आदि सभी को जोड़ा जा सके।
- भष्टाचार विरोधी आंदोलन की धार को और पैना करते हुए व्यवस्थागत भ्रष्टाचार, बड़ी कंपनियों की हेराफेरी और कालेधन का भंडाफोड़ करने की मुहिम चलाएंगे।चुनाव और राजनीतिक सुधार की जमीन तैयार करेंगे।
- शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरणऔर रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों पर जनजागरण, जनसुनवाई और जनसंघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।
- ज़मीर की आज़ादी के हक़ में औरसांप्रदायिक हिंसा और नफरत के खिलाफ देश भर में ताकत बनाएंगे, हर स्तर पर सम्प्रदायिक सद्भाव मंच बनाएंगे ताकि एक दूसरे के धर्म, भाषा और संस्कृति के बारे में सही जानकारी और उसके मानवीय मूल्यों के प्रति सम्मान बढ़े।
- महिलाविरोधी और जातीय भेदभाव तथा हिंसा के विरुद्ध अभियान चलाएंगे, सामजिक न्याय के बारे में पूरे समाज में चेतना निर्माण करेंगे।
- स्थानीयस्तर पर ‘स्वराज केंद्र’ बनाएंगे, ताकि ग्राम सभा या मोहल्ला सभा को सशक्त कर नागरिक खुद अपनी स्थानीय समस्याओं का समाधान कर सकें, झगड़े सुलझा सकें और योजना बनाकर लागू करवा सकें।
- देश के सभी बड़े मुद्दोंपर देश के हर वर्ग को जोड़कर एक नयी कार्ययोजना बनायेंगे, ताकि राजनीति में विचार बचे रहे, सत्ता दिशाहीन न हो।
- देश में सब तरफ और हर स्तर पर ‘स्वराज संवाद’ आयोजित करेंगे ताकि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उपजी सकारात्मक ऊर्जा जुड़ सके, उम्मीद की मशाल जलती रहे।
- पूरे देश में ‘स्वराज यात्रा’ आयोजित करेंगे, ताकि वैकल्पिक राजनीति के लिए नयी ऊर्जा औरनए विचार जोड़ सकें।इस कार्ययोजना को सामने रख कुछ कदम चलने के बाद हम सामूहिक समीक्षा करेंगे कि हमें और क्या-क्या कदम उठाने हैं, सत्ता परिवर्तन की राजनीति में कब और कैसे दखल देना है।
… और हमारा संकल्प
इतिहास के इस नाजुक मोड़ पर भारत का भविष्य आज भविष्य के भारत से पूछता है: क्या वह उस अभूतपूर्व ऊर्जा को बिखरने देगा जो दशकों बाद देश में पैदा हुई थी? क्या वो उस आस्था को टूटने देगा जो पहली बार राजनीति से जुड़ी थी? क्या वो स्वराज के सपने को दफ़न होने देगा?स्वराज अभियान का दृढ संकल्प है कि वो ऐसा नहीं होने देगा। जंतर-मंतर से चली आदर्शों की मशाल बुझने न देंगे। रास्ता भले ही कठिन हो, कुछ हमसफ़र भले ही थक कर बैठ गए हों, लेकिन यह सफर रुकेगा नहीं। हमें भरोसा है कि भारत और भारतवासियों में असीम संभावनाएं हैं। हमारा अटूट विश्वास है कि विकल्पहीन नहीं है दुनिया। इस आस्था और संकल्प के बल पर आज हम एक लम्बी, कठिन लेकिन सुन्दर यात्रा पर निकले हैं।हम, यानि हम सब। यानि आप भी!